वीणा की देवी है माँ सरस्वती
करे हम सब उनका सम्मान क्योंकि हमें देती है
वह विधा का ज्ञान कमल जिनका आसन है हंस
जिनकी सवारी है वीणा की देवी सरस्वती लगती हमें
प्यारी है दुनिया में जो भी संगीत है वह माँ सरस्वती है
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Deepika Mawar
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5 Year ago
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Kabir Ke Dohe
बोए पेड़ बबूल का तो आम कंहा से पाए ” :- कबीरदास
आप जैसा बोएँगे वैसा ही भविष्य मे काटेंगे | आज देश की अर्थव्यवस्था मंदी के दौर मे है | आटोमोबाइल , रियल स्टेट जैसे कई क्षेत्रो मे सुस्ती है | निजीकरण की दिशा मे हम बढ़ चले है | सरकार को पैसा चाहिए तो एलआईसी हो या अन्य पब्लिक सेक्टर कम्पनियां वंहा से सरकार अपनी हिस्सेदारी बेच रही है | बैंको के एनपीए चरम पर है , लोगो का बैंको मे विश्वास किस हद तक कम हुआ है इसका प्रमाण है कि बजट भाषण मे खुद वित मंत्री को कहना पड़ा कि अगर बैंक डूब भी जाए तो पाँच लाख तक आपको वापिस मिल जाएगा | बेरोजगारी चरम पर है | मेक इन इंडिया के बजाय अबकी बार बजट मे जिक्र था असेंबल इन इंडिया का |
शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य तक हम निजी हाथो मे देने को तैयार है और एफ़डीआई के जरिये विदेशी कंपनियां भारत मे निवेश करे और हमारी पहचान मात्र सबसे बड़े बाज़ार की हो चली है जंहा सस्ता कामगार उपलब्ध है |
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कल्पित हरित
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5 Year ago
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Poetry
बड़ा दिन- बड़ा दिन आओ सब मनाएं
ईसा का जन्मदिन आओ सब मनाए
सौ -सौ दीप हम सब जलाए
मानवता का दीप सब जलाए
आओ बड़ा दिन हम सब मनाए
दीन -दुखियो के है रखवारे
माता मरिया के प्राण -प्यारे
पिता युसुफ की अखियों के तारे
संगी साथी सब तुम पर बलिहारे
बड़ा दिन आओ सब मनाए
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Sushila Rohila
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6 Year ago
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Poetry
ऐ ज़िन्दगी तुझसे मुलाक़ात करलु आज
बीते हुए लम्हो का हिसाब करलु आज
कुछ पाने की उमीदो के साथ जी रहा था
ना मिलने का तज़ुर्बा सीखा गया तू आज
आज़ाद थे वो परींदे जो उड़कर छू लेते थे आसमानो को
आज उन्हें कैद देख करता है दिल रोने को
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Khushbu Saini
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6 Year ago
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Poetry
this is special poetry by ras bihar gaur. for gandhi lover's.
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रास बिहारी गौड़
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6 Year ago
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Poetry
सृष्टि का निर्माण कर दूँगा प्रिये ! वादा मेरा है
सृष्टि का निर्माण कर दूँगा प्रिये !वादा मेरा है ।
तुम नही रोओ कि रोएगा जहाँ वादा मेरा है
अब हवाएँ मुक्त होंगी सृष्टि के उल्लास में,
साथ तुम मेरे रहोगी माह उस मधुमास में
चाहता हूँ साथ मैं अपने हृदय की संगिनी का
जिस तरह से साथ है, अम्बुधि का अमरतरंगिनी का
आज कैसे छोड़ दूँ ऐसे गलीचों में तुम्हें
फिर मिलेंगे दिव्य इन्दीवर बगीचों में तुम्हें ।
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Nilendra Shukhla
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6 Year ago
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Poetry
This is the best poetry wrote by sushila rohila
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Sushila Rohila
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6 Year ago
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Poetry
I find this moonlight mysterious. Crescent curve of white froth. I squint my eye, To collect a trace of her melting blood. It is opaque in my mind, Shallow in my hand.
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Devika Mathur
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6 Year ago
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Motivational Story
अपने जीवन में ये कहानी एक बार ज़रूर पढ़े
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Niranjan Mahawar
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6 Year ago
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Books
And Then One Day........ A Memoir By Naseeruddin Shah
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6 Year ago
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Motivational Poetry
अंजाम जीत हो या ना हो,
कोशिश से नहीं डरना है मुझे!
और कुछ बनूं या नहीं,
इंसान बेहतरीन बनना है मुझे!!
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Saristhi Singh
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7 Year ago
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Poetry
नरेश सक्सेना की 'गिरना' कविता सम्यक रूप से जीवन-दर्शन को प्रतिपादित करने वाली एक कविता है।
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7 Year ago
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Inspiration
खुद्दारी क्या होती है, यह जानने के लिए शीला घोष के जीवन से और बेहतर मिसाल शायद कुछ और हो नहीं सकती। शीला जी हर रोज जिंदगी से जंग लड़ती हैं और हर रोज इस जंग में न सिर्फ वो जीतती हैं बल्कि हज़ारों लोगों को प्रेरणा भी देती हैं. उनके इस जज़्बे और हौसले को देखकर अच्छे अच्छे भी हैरान रह जाते हैं।
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Mayank Shukla
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7 Year ago
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Train Journey Of Two Friends
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7 Year ago
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Fiction
ट्रेंन की जनरल बोगी में अगर आपने सफ़र किया हो तो वास्तव में आज आप इस लेख का मर्म महसूस कर पायेंगे| जीवन के सफ़र और ट्रेन की जनरल बोगी के सफ़र में कितनी समान्ताए है |
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Kalpit Harit
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8 Year ago
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Blog
यत्र नार्यस्तु पूज्यंते रमंते तत्र देवता
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Nripendra Singh
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8 Year ago
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Poetry
गोपाल दास नीरज (4 जनवरी 1924-19 जुलाई 2018) हिंदी साहित्य के जाने माने कवियों में से हैं। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के इटावा जिला के गाँव पुरावली में हुआ । गोपाल दास नीरज ने कई प्रसिद्ध फ़िल्मों के गीतों की रचना भी की है।
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9 Year ago
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Poetry
मौसम बदले, न बदले हमें उम्मीद की कम से कम एक खिड़की तो खुली रखनी चाहिए।
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13 Year ago
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