विषय: बड़े दिन की छुट्टी
बड़ा दिन- बड़ा दिन आओ सब मनाएं
ईसा का जन्मदिन आओ सब मनाए
सौ -सौ दीप हम सब जलाए
मानवता का दीप सब जलाए
आओ बड़ा दिन हम सब मनाए
दीन -दुखियो के है रखवारे
माता मरिया के प्राण -प्यारे
पिता युसुफ की अखियों के तारे
संगी साथी सब तुम पर बलिहारे
बड़ा दिन आओ सब मनाए
ईसा मसीह की गाथा बरसों पुरानी
बड़ा दिन है उनकी जन्म निशानी
डिवाइन लाइट का है वह मसीहा
देखी है उसने ज्योति निराली
मानव के चित्तों को उसने जगाया
सान्ता क्लाज बन धरा पर आया
बेदर्दी जमाने ने सूली पर लटकाया
हँसते -हँसते बलिदान हुआ वह
मानवता का पुजारी ।
कवयित्री सुशीला रोहिला सोनीपत हरियाणा