Blog Detail

Poetry

बड़े दिन की छुट्टी

विषय: बड़े दिन की छुट्टी  

बड़ा दिन- बड़ा  दिन आओ सब मनाएं

ईसा का जन्मदिन आओ सब मनाए 
सौ -सौ दीप हम सब जलाए
 मानवता का दीप सब जलाए 
आओ बड़ा दिन हम सब मनाए 
 
 दीन -दुखियो  के है रखवारे
 माता मरिया के प्राण -प्यारे
 पिता युसुफ की अखियों के तारे
 संगी साथी सब तुम पर बलिहारे 
 बड़ा  दिन आओ सब मनाए
 
ईसा मसीह की गाथा बरसों पुरानी
बड़ा दिन है उनकी जन्म निशानी 
डिवाइन लाइट का है वह मसीहा 
देखी है उसने ज्योति निराली 
 
मानव के चित्तों को उसने जगाया 
सान्ता क्लाज बन धरा पर आया
बेदर्दी जमाने ने सूली पर लटकाया 
हँसते -हँसते बलिदान हुआ वह    
मानवता का पुजारी ।
 
कवयित्री           सुशीला रोहिला सोनीपत हरियाणा 

Social Share And Comment Section

Search the blog

Latest Posts

माँ सरस्वती - Vasant Punchami Special  

माँ सरस्वती - Vasant Punchami Special

वीणा की देवी है माँ सरस्वती करे हम सब उनका सम्मान क्यों...

प्रिय बापू ने पत्र  

प्रिय बापू ने पत्र

प्रिय बापू , नमस्कार, आपकी कुशलता चाहते हे। प्रिय बापू आप...

“ बोए पेड़ बबूल का तो आम कंहा से पाए ” :- कबीरदास  

“ बोए पेड़ बबूल का तो आम कंहा से पाए ” :- कबीरदास

बोए पेड़ बबूल का तो आम कंहा से पाए ” :- कबीरदास आप जैसा बोए...

भारत की पहचान  

भारत की पहचान

है देश भारत तेरे झंडे की शान मान सदैव बढ़ेगा यही है अरमान, ...

बड़े दिन की छुट्टी  

बड़े दिन की छुट्टी

बड़ा दिन- बड़ा दिन आओ सब मनाएं ईसा का जन्मदिन आओ सब मनाए स...