अंजाम जीत हो या ना हो,
कोशिश से नहीं डरना है मुझे!
और कुछ बनूं या नहीं,
इंसान बेहतरीन बनना है मुझे!!
ब्रह्मांड रूपी दुनिया में तारे हैं बहुत,
पर ध्रुव तारे सा चमकना है मुझे!
रोज भिखरूं और रोज संवरू,
कुछ इस कदर ढलना है मुझे!!
शून्य हूं मैं शून्य ही रहूं,
शून्य रहकर ही आगे बढ़ना है मुझे!!
ना तेरी एक ना मेरी दो,
बस सफलता के पथ पर चलना है मुझे!
एक कदम कभी थोड़ा ही सही,
पर बढ़ते ही चलना है मुझे!!
रुकूंगी नहीं आखिरी सांस तक मैं
इंसान बेहतर से बेहतरीन बनना है मुझे!!