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Azad Mulk Me Sarkar Kaisi Ho ......?

 आज़ाद मुल्क में सरकार कैसी हो ? इस पर जब भी चर्चा हो तब समझदार लोग लोकतांत्रिक शासन प्रणाली को पसंद करते है. इसके बावजूद आज हमारे देश में अशांति और हिंसा के काले बादल छाये है.. आवाम डर में जी रही है.. बहन बेटियाँ सुरक्षित नही रही.. क्या  लोकतंत्र को महसूस किया जा सकता है??  बिल्कुल  भी नही. संसद में बड़े बड़े अपराधी आज नेता बन बैठे है | 

 
ये लोकतंत्र की हार है. देश की हार है | 
 
क्या आप जानते है लोकतांत्रिक प्रशासन आखिर कैसा होता है ?  
 
मैं दर्शनात्मक किताब पढ रहा था और किसी पन्ने पर कही कुछ ऐसा मिला की मेरा अवचेतन मन गहरी सोच में गढ़  गया....
 
मैं सोचने लगा क्यो न संसद भवन मे उन्हे ही बैठने की अनुमति हो जिन्होने मेहनत से, सच्चाई से व्यक्तिगत  जीवन मे सफलता हासिल की हो , लोगों के हित मे काम किया हो.??
 
वह देश जिसमें लोगों की सरकार हो,  जनता द्वारा  चुने हुए उत्क्रुष्ट लोगों की सरकार हो.? वे सिर्फ संविधान द्वारा अधिनियमित कामकाज देखते हो..इस सरकार मे अलग अलग क्षेत्र के सफल लोग हो जैसे  वैज्ञानिक,  कलाकार, चित्रकार,  इंजीनियर ,  साहित्यिक, दार्शनिक,  सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षणतज्ज्ञ, समाजवादी,  मानसशास्त्र विशेषज्ञ,  अर्थतज्ज्ञ,  इतिहासकार,  डॉक्टर्स,  विभिन्न खेलों के सफल खिलाडी,  मानववंश तज्ञ इत्यादि. 
 
वे डिप्लोम्याट्स ना हो. बल्कि  देश मे हर तरफ तरक्की हो खुशहाली हो यही भाव रखने वाले निस्वार्थ लोग हो...  वे संसद की गरिमा बनाए रख सकते है, है ना?  
ना ही वे किसी पार्टी के नुमांयदे हो ना किसी धर्म के प्रचारक हो. बल्कि देशसेवा मे समर्पित लोग हो.  ना कोई पक्ष ना कोई अध्यक्ष.. और ना विपक्ष.. सही मायनो मे लोकतंत्र...  एक मुल्क.. एक सरकार......ये सभी लोकनियुक्त नेता , बिना किसी स्वार्थ के  देश को तरक्की की ओर ले जा सकते है.. स्वातंत्र्य,  समानता,   बंधुता और सामाजिक न्याय इन मानवी मुल्यों को फिरसे समाजमन मे प्रतिबिंबित कर जंबुरियत को मजबूत बनाना अनिवार्य है, वरना सम्राटो के झुठे गर्व और दुनिया जितने की चाहत में बड़े बड़े  साम्राज्य ध्वस्त होते देखे  है हमने.. इतिहास ऐसे बहुत से उदाहरणों से भरा पड़ा  है.  
लेट कवि टामस ग्रे की अंग्रेजी महानता रचना की ये कुछ पंक्तियाँ मुझे याद आ रही है -  
"Boast of heraldry pomp of the power,  
All that beauty and all that wealth ever gave,  
Awaits alike inevitable hour,  
Path of glory leads but to the grave."
 
मेरा पूर्ण विश्वास है की लोकतंत्र ही एकमात्र शासनप्रणाली है जो उपरोक्त मानवी सभ्यता का अस्तित्व कायम रख सकती है.. 
 
काश ऐसे लोकतंत्र का आदर्श मॉडेल मेरे भारत मे भी बनाया जा सकता ???  

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