Blog Detail

Poetry

Two Amazing Poetries on Life.......

खुलकर जीना हमने सीखा है

 
डर कर नहीं बस खुलकर जीना हमने सीखा है ,
टूटे है कई बार , बिखरकर निखरना हमने सीखा है 
 
ठोकरों का एहसान है हम पर , उनसे चलना हमने सीखा है ,
गिरने का हमे कोई गम नहीं , गिरकर संभालना हमने सीखा है 
 
चीखे भी कई दफ़ा हम , दर्द को अब गुनगुनाना हमने सीखा है ,
मरकर भी नहीं मरे हम , आंसुओ में मुस्काना हमने सीखा है 
 
अंधेरो से दोस्ती की है , जुगनू बन झिलमिलाना हमने सीखा है ,
खतरों से आँख मिलके बच्चों सा , खिलखिलाना हमने सीखा है 
 
चट्टानों का अब खौफ़ नहीं , पानी सा बहना हमने सीखा है ,
ऐ ज़िंदगी , तुझसे प्यार करते है हम , अब ये कहना हमने सीखा है | 
 
 
ज़िंदगी से यारी रख
 
ज़िंदगी से यार तू यारी रख 
अपनी भी तू जिम्मेदारी रख 
मौका मिलता नहीं बार बार 
थोड़ी सी तू भी होशियारी रख 
 
कोशिशों का कारवाँ तू ज़ारी रख 
अपना हौंसला भी तू भारी रख 
मुश्किलें तो है मील का पत्थर 
सबसे ऊपर तू अपनी खुद्दारी रख 
 
सच और सपनों की सवारी रख
मेहनत और लगन तू करारी रख 
तूफ़ान भी मान लेगा एक दिन हार 
सिर्फ वज़ूद में अपने ईमानदारी रख |   
 

Social Share And Comment Section

Search the blog

Latest Posts

माँ सरस्वती - Vasant Punchami Special  

माँ सरस्वती - Vasant Punchami Special

वीणा की देवी है माँ सरस्वती करे हम सब उनका सम्मान क्यों...

प्रिय बापू ने पत्र  

प्रिय बापू ने पत्र

प्रिय बापू , नमस्कार, आपकी कुशलता चाहते हे। प्रिय बापू आप...

“ बोए पेड़ बबूल का तो आम कंहा से पाए ” :- कबीरदास  

“ बोए पेड़ बबूल का तो आम कंहा से पाए ” :- कबीरदास

बोए पेड़ बबूल का तो आम कंहा से पाए ” :- कबीरदास आप जैसा बोए...

भारत की पहचान  

भारत की पहचान

है देश भारत तेरे झंडे की शान मान सदैव बढ़ेगा यही है अरमान, ...

बड़े दिन की छुट्टी  

बड़े दिन की छुट्टी

बड़ा दिन- बड़ा दिन आओ सब मनाएं ईसा का जन्मदिन आओ सब मनाए स...